गौतम अडानी, जो भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक हैं, पर अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स ने गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला अमेरिका में सोलर पावर कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत देने का है, जिसमें अडानी और उनके सहयोगियों पर 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2,029 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में अमेरिकी अदालत ने गौतम अडानी समेत 7 लोगों के खिलाफ वारंट जारी किए हैं।
आरोपों का सारांश
- रिश्वत का भुगतान: आरोप है कि अडानी ग्रुप ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल किए। यह रिश्वत 2020 से 2024 के बीच दी गई थी।
- सुरक्षा और वायर फ्रॉड: गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर सुरक्षा और वायर फ्रॉड करने की साजिश रचने का भी आरोप है।
- अमेरिकी निवेशकों को धोखा: अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा है कि अडानी ग्रुप ने अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने के लिए झूठे और भ्रामक बयान दिए, जिससे उन्होंने अरबों डॉलर का निवेश किया।
मामला कैसे शुरू हुआ?
यह मामला तब शुरू हुआ जब अमेरिकी बाजार नियामक (SEC) ने अडानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने रिश्वत देकर अनुबंध प्राप्त किए और साथ ही यह भी दावा किया कि वे एंटी-ब्रिबरी प्रिंसिपल का पालन कर रहे हैं।अदालत की कार्रवाई
- अदालत में सुनवाई: न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत में इस मामले की सुनवाई हो रही है, जिसमें अडानी और उनके सहकर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
- अडानी ग्रुप का बयान: अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को “बेसलेस” बताते हुए कहा है कि वे सभी कानूनी उपायों का सहारा लेंगे।
निष्कर्ष
गौतम अडानी पर लगे ये गंभीर आरोप न केवल उनके व्यवसाय पर असर डाल सकते हैं, बल्कि भारतीय उद्योग जगत में भी हलचल मचा सकते हैं। यह मामला भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव डालने की संभावना रखता है।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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