
Ahmedabad-Mumbai Bullet Train
Ahmedabad-Mumbai Bullet Train: नई दिल्ली/अहमदाबाद: देश की सबसे महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं में शामिल अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को लेकर एक बड़ा बदलाव सामने आया है। इस रूट पर अब जापानी बुलेट ट्रेन की जगह स्वदेशी तकनीक से बनी सेमी हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन दौड़ेगी। यह फैसला लागत में भारी बढ़ोतरी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाए गए कदम के तहत लिया गया है।
बुलेट ट्रेन की जगह दौड़ेगी वंदे भारत
रेल मंत्रालय के अनुसार, इस हाई स्पीड कॉरिडोर पर अब दो वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिनमें 8-8 कोच होंगे। इन ट्रेनों की अधिकतम गति 280 किमी/घंटा होगी, लेकिन 250 किमी/घंटा की गति से नियमित रूप से संचालित की जाएंगी। यह अब तक की सबसे तेज़ वंदे भारत ट्रेन होगी, जो बुलेट ट्रेन के लिए बने ट्रैक पर चलेगी।
पहला ट्रायल 2025 के अंत तक
सूरत से बलिमोरा तक 50 किलोमीटर के ट्रैक पर काम लगभग पूरा हो चुका है। इस खंड पर 2025 के अंत तक ट्रायल रन शुरू किया जाएगा। रेलवे का लक्ष्य है कि 2027 तक यह रूट आम यात्रियों के लिए खोल दिया जाए।
लागत में भारी इज़ाफा बनी बदलाव की मुख्य वजह
जापान के साथ जब बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर समझौता हुआ था, तब प्रति कोच लागत 16 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी। लेकिन अब जापान ने इसकी कीमत बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये प्रति कोच कर दी है। ऐसे में 16 कोच वाली एक बुलेट ट्रेन की कुल लागत 800 करोड़ रुपये बैठती है, जो भारतीय रेलवे के लिए अत्यधिक महंगी साबित हो रही है।
दुनिया में कितनी तेज़ चलती हैं बुलेट ट्रेनें?
जापान: 603 किमी/घंटा (Shinkansen परीक्षण ट्रैक पर)
चीन: 600 किमी/घंटा
फ्रांस: 320 किमी/घंटा
दक्षिण कोरिया: 305 किमी/घंट
भारत में प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की अधिकतम गति 320 किमी/घंटा थी, लेकिन अब वंदे भारत की गति को 250 किमी/घंटा तक सीमित किया गया है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक भी है। स्वदेशी तकनीक का उपयोग करते हुए वंदे भारत को हाई-स्पीड ट्रैकों पर दौड़ाना ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के लिए मील का पत्थर होगा।