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Acharya Satyendra Das Passes Away
अयोध्या : Acharya Satyendra Das Passes Away : अयोध्या की पावन धरा आज शोक में डूबी है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 85 साल के उम्र में आज बुधवार को निधन हो गया। वर्षों तक रामलला की सेवा में समर्पित इस संत का जाना सनातन धर्म और भक्ति परंपरा के लिए अपूरणीय क्षति है।
Acharya Satyendra Das Passes Away : साधना और सेवा का अनमोल जीवन
आचार्य सत्येंद्र दास ने अपना संपूर्ण जीवन रामलला की पूजा-अर्चना और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में अर्पित किया। राम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर मंदिर निर्माण तक, वे हमेशा समर्पण और निष्ठा के प्रतीक बने रहे। उनका सरल स्वभाव और आध्यात्मिकता अयोध्या के संत समाज में विशेष स्थान रखता था।
धर्म रक्षा में निभाई अहम भूमिका
आचार्य सत्येंद्र दास केवल एक पुजारी ही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक योद्धा भी थे। 1992 की घटनाओं के दौरान उन्होंने रामलला की सुरक्षा का बीड़ा उठाया और कठिन परिस्थितियों में भी पूजा-अर्चना जारी रखी। वर्षों तक उन्होंने मंदिर में नित्य सेवाएं दीं, जिससे श्रद्धालुओं के हृदय में उनका विशेष स्थान था।
सनातन परंपरा को जीवंत रखने वाले संत
उन्होंने न केवल पूजा-पद्धति को सहेजा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी धर्म और आध्यात्म का मार्ग दिखाया। उनके प्रवचनों और शिक्षाओं ने असंख्य भक्तों को प्रेरित किया। वे शास्त्रों के गहन ज्ञाता थे और अपनी विद्वत्ता और सादगी के कारण पूजनीय माने जाते थे।
अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि
आचार्य सत्येंद्र दास के निधन की खबर से अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई। उनका पार्थिव शरीर अयोध्या के सत्य धाम गोपाल मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। संत समाज, श्रद्धालु और रामभक्त उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़े हैं। उनका अंतिम संस्कार विधि-विधान से सरयू तट पर किया जाएगा।
रामलला के चरणों में विलीन हुए संत
उनका जाना अयोध्या के लिए एक युग के समाप्त होने जैसा है। लेकिन उनकी साधना, भक्ति और सेवा की जो विरासत उन्होंने छोड़ी है, वह सदैव प्रेरणा देती रहेगी। रामलला के अनन्य भक्त को कोटि-कोटि नमन।
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