
प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर प्रदेश पुलिस ने आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। साइबर अटैक और ऑनलाइन फ्रॉड जैसी समस्याओं से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं, जिसमें ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और साइबर सुरक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
ड्रोन से होगी निगरानी
महाकुंभ के दौरान घाट और भीड़भाड़ वाले इलाकों की निगरानी ड्रोन के माध्यम से की जाएगी। यह तकनीक न केवल जमीन पर हो रही गतिविधियों पर नजर रखेगी, बल्कि संदिग्ध गतिविधियों का समय रहते पता लगाने में भी सहायक होगी।
साइबर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
- साइबर थाना:
श्रद्धालुओं को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए महाकुंभ में एक विशेष साइबर थाना स्थापित किया गया है। इसमें तकनीकी रूप से दक्ष कर्मियों को तैनात किया गया है। - डार्क वेब और सोशल मीडिया पर नजर:
डार्क वेब और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। इसके जरिए साइबर अपराधियों द्वारा ठगी के प्रयासों को नाकाम किया जाएगा। - विशेष टीम:
साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन ठगी रोकने के लिए अफसरों की एक विशेष टीम और 40 से अधिक संदिग्ध वेबसाइट्स पर नजर रखने के लिए साइबर एक्सपर्ट्स तैनात किए गए हैं। - वायरल लिंक्स निष्क्रिय:
ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले संदिग्ध लिंक को समय रहते निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
महिलाओं की सुरक्षा के विशेष इंतजाम
महाकुंभ में महिलाओं की सुरक्षा के लिए अलग से पुख्ता व्यवस्था की गई है। पुलिस टीम महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देगी, जिससे श्रद्धालु सुरक्षित माहौल में महाकुंभ का आनंद ले सकें।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। फेसबुक, गूगल, और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए AI का उपयोग किया जा रहा है।
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