
रायपुर। ऐसी भी होती है पेशी : दिसंबर 2024 में ही 72 साल के एक बुजुर्ग अपीलार्थी को 8 जनवरी 2025 की कार्यवाही के दौरान अनुपस्थित दिखा दिया गया। राज्य सूचना आयोग के शिक्षा विभाग के दूसरे अपीलीय अधिकारी ने ये साहस कर दिखाया है। वहीं इसी बात को आधार बताते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 अप्रैल 2026 निर्धारित की गई है। सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि जब 8 जनवरी 2025 अभी आई ही नहीं तो अपीलार्थी अनुपस्थित कैसे हो गया ?
ऐसी भी होती है पेशी : जानें पूरा मामला
दरअसल रायपुर के लोकमान्य गृह निर्माण समिति में रहने वाले कृष्णा कुमार निगम ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत शिक्षा विभाग में आवेदन लगाया था। उनको जब जनसूचना अधिकारी ने जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई तो उन्होंने प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास अपील की। बुजुर्ग को कई बार दौड़ाने के प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी हाथ खड़े कर दिए। उसके बाद भी वरिष्ठ नागरिक निगम जी ने द्वितीय अपीलीय अधिकारी के यहां अपील की। वहां भी इनको सिर्फ पेशी पर पेशी का सामना करना पड़ा। एक 72 साल के वरिष्ठ नागरिक के साथ शिक्षा विभाग के अफसरों का ये रवैया ही समझ से परे है।
देखें पूरा मामला तारीख दर तारीख
सूचना के अधिकार के तहत के.के.निगम नें15 फरवरी 2022 को जानकारी मांगी थी।
जानकारी नहीं मिलने पर प्रथमअपील 06 मई 2022 को की गई।
द्वितीय अपील 04 अगस्त 2022 को राज्य सूचना आयोग में की गई।
अपील प्रकरण क्रमांक A/3388/2022की प्रथम सुनवाई 11जनवरी 23,
दूसरी सुनवाई 06 अप्रेल 2023, तीसरी सुनवाई 13 अप्रैल 20 23,
चौथी सुनवाई 16 नवंबर 2023 को की गई ।
इन सभी मे दोनों पक्ष उपस्थित रहे।
पांचवी सुनवाई 20 जून 2024 को की गई।
इसमें उच्चशिक्षा विभाग के प्रतिनिधि अनुपस्थित थे।
इसे आयोग के वेवसाइट में दर्शाया नहीं गया है।
छठवीं सुनवाई 19 सितंबर 2024 को थी।
उसमें आयोग ने वेबसाइट पर प्रतिअपिलार्थी को अनुपस्थित दर्शाया है।*
इसके बाद आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई हैं।
इसके बाद भी आयोग के वेबसाइट में 08 जनवरी 2025 को अपीलार्थी को अनुपस्थित दर्शाया गया हैं।
इससे शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाना जायज़ है।
देखने वाली बात तो ये होगी कि शिक्षा विभाग इस पर अब आगे क्या कार्रवाई करता है ?
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