सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन गुकेश डी ने 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का इतिहास रच दिया, जो पहले गैरी कास्पारोव (22 साल) के नाम था।
भारत के दूसरे विश्व चैंपियन वह भारत के दूसरे विश्व चैंपियन बने, विश्वनाथन आनंद के बाद, जिन्होंने यह खिताब पांच बार जीता।
कैंडिडेट्स टूर्नामेंट विजेता गुकेश 2024 में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं।
अंतिम गेम में डिंग लिरेन की गलती डिंग लिरेन की एक बड़ी गलती का फायदा उठाते हुए, गुकेश ने 14वें गेम में खिताबी जीत हासिल की।
2750 फिडे रेटिंग उन्होंने 2750 फिडे रेटिंग को सबसे कम उम्र में पार किया, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
भारत के शीर्ष रैंक खिलाड़ी उन्होंने विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़कर भारत के नंबर 1 शतरंज खिलाड़ी का स्थान हासिल किया।
महान खिलाड़ियों को हराया 2022 में उन्होंने मैग्नस कार्लसन को हराया, जो उनकी असाधारण प्रतिभा का संकेत है।
शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक 2024 में भारत को पहली बार शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
ग्रैंडमास्टर की उपाधि वह 12 साल और 7 महीने की उम्र में ग्रैंडमास्टर बने, जो दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर थे।
युवाओं के लिए प्रेरणा उनकी सफलता न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
गुकेश डी ने अपने जुनून, दृढ़ संकल्प और मानसिक मजबूती से इतिहास रचते हुए शतरंज की दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाया।