
यह मामला एक संगीन अपराध से जुड़ा है, जिसमें आरोपी ने 20 टन कोयला चोरी किया और सबूत मिटाने के उद्देश्य से एक मकान में आग लगा दी। घटना के समय, मकान में कुछ लोग भी मौजूद थे, लेकिन समय पर बचाव होने के कारण कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि, मकान पूरी तरह से जलकर खाक हो गया, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
यह घटना कोयला खदान के पास की बताई जा रही है, जहां आरोपी ने अवैध रूप से 20 टन कोयला चोरी किया। चोरी को छिपाने के लिए उसने पास के मकान में आग लगा दी, ताकि इस घटना से जुड़े साक्ष्य नष्ट हो जाएं। इस हरकत से स्थानीय लोगों में डर और आक्रोश का माहौल बन गया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू की। जांच के दौरान, आरोपी के खिलाफ मजबूत सबूत मिले।
- पुलिस ने घटनास्थल से कोयला चोरी से जुड़े दस्तावेज और गवाहों के बयान दर्ज किए।
- फॉरेंसिक टीम ने जली हुई संपत्ति से साक्ष्य एकत्र किए।
- आरोपी को कुछ दिनों बाद गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि:
- आरोपी ने जानबूझकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और कोयला चोरी की योजना बनाई थी।
- आग लगाने से इलाके में गंभीर सुरक्षा खतरा उत्पन्न हुआ।
अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 10 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई। इसके अलावा, उसे आर्थिक दंड के रूप में पीड़ित परिवार को मकान के नुकसान की भरपाई करने का भी आदेश दिया गया।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने राहत महसूस की है। उन्होंने न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इस तरह की घटनाओं पर सख्त रोक लगाई जाएगी।
यह घटना एक बड़ा संदेश देती है कि अपराध चाहे कितना भी संगीन हो, कानून की पकड़ से बचा नहीं जा सकता। कोयला चोरी और आगजनी जैसे अपराधों को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
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