
Sharda Sinha Passes Away
उनका योगदान न केवल भोजपुरी और मैथिली संगीत में था, बल्कि उन्होंने भारतीय लोक संगीत को भी एक नई पहचान दी।
शारदा सिन्हा का महत्व
सांस्कृतिक प्रतीक: शारदा सिन्हा ने अपने गीतों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता को प्रस्तुत किया। उनके गाने विशेष रूप से छठ पूजा जैसे त्योहारों से जुड़े हुए हैं, जो भारतीय समाज में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
सम्मान और पुरस्कार: उन्होंने अपने करियर में कई पुरस्कार प्राप्त किए, जिनमें पद्म श्री और पद्म भूषण शामिल हैं। ये सम्मान उनके संगीत में उत्कृष्टता और समाज पर उनके सकारात्मक प्रभाव को दर्शाते हैं।
शिक्षा और योगदान: शारदा सिन्हा ने समस्तीपुर महिला कॉलेज में संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया, जिससे उन्होंने नई पीढ़ी के कलाकारों को प्रेरित किया।
अंतिम समय
उनका स्वास्थ्य कई दिनों से खराब था, और वे दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थीं। उनके निधन ने उनके प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों के बीच गहरा शोक पैदा किया है। शारदा सिन्हा की आवाज़ हमेशा लोगों के दिलों में बसी रहेगी
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