Check Webstories
Diwali Special Story : मंदसौर : भगवान कुबेर को धन का देवता कहा जाता है। और कुबेर भगवान का दुर्लभ मंदिर मंदसौर के खिलचीपूरा में स्थित है। कहा जाता है कि भारत देश में मंदसौर के अलावा भगवान कुबेर का मंदिर केदारनाथ धाम में है।
कई प्राचीन मान्यताओं के चलते कुबेर का यह मंदिर अलौकिक है। आज धनतेरस को लेकर यहां विशेष दर्शन करने के लिए शहर सहीत दुर-दुर से लोग पहुंच रहे हैं।
आज 29 अक्टूबर को दीपोत्सव में धनतेरस के चलते कुबेर की पूजा और दर्शन के लिए यहां लोगों की भीड़ है। भगवान कुबेर के दर्शन कर लोग परिवार पर आशीर्वाद की मनोकामनाएं व प्रार्थनाएं यहां कर रहे हैं।
मंदीर की विशेषता की यदी बात करें तो धन के देवता भगवान कुबेर मंदसौर शहर के खिलचीपुरा में विराजते हैं। यह किवदंती हैं कि खिलजी के शासनकाल में ही खिलचीपुरा बसाया गया था। बताया जाता है
कि उत्तराखंड में भगवान केदारनाथ मंदिर के बाद भगवान पशुपतिनाथ की नगरी मंदसौर में ही कुबेर भगवान की प्रतिमा है। जहां आज तक कभी भी गर्भगृह को ताले नहीं लगाए गए हैं। यही कारण है
की धनतेरस के पर्व पर प्रतिवर्ष हजारों भक्त भगवान कुबेर के दर्शन कर पूजन अर्चन करते हैं। सुबह से ही भक्तों की कतारें शुरू होती है जो देर रात तक लगी रहती है।
यहां होने वाली पूजा-अर्चना को लेकर मंदिर पर विशेष सजावट के साथ इंतमाम किए गए है। कहा जाता है कि यह मंदिर 30 डिग्री तक झुका हुआ और इस पर नींव नहीं है। इसी कारण इस मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया है।
बताते हैं धौलागढ़ महादेव मंदिर 1200 साल पहले बना मराठाकालीन है। इसी मंदिर में स्थापित भगवान कुबेर की मूर्ति उत्तर गुप्तकाल में सातवीं शताब्दी में निर्मित है।
मराठाकाल में धौलागिरी महादेव मंदिर के निर्माण के दौरान इसे गर्भगृह में स्थापित किया था। मंदिर में भगवान गणेश व माता पार्वती की मूर्तियां भी हैं। 1978 में कुबेर की मूर्ति की पहचान हुई।
मूर्ति में कुबेर बड़े पेट वाले, चतुर्भुजाधारी सीधे हाथ में धन की थैली तो दूसरे में प्याला धारण किए हुए हैं। नर वाहन पर सवार इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग तीन फीट हैं।
आस्था के प्रतीक भगवान कुबेर के मंदिर में कुबेर प्रतिमा चतुर्भुज है। इसके एक हाथ में धन की पोटली, दो हाथों में शस्त्र व एक हाथ में प्याला है। इसमें कुबेर नेवले पर सवार हैं।
Dhanteras festival 2024 : आज से दीपोत्सव की शुरुआत, धनतेरस पर जमकर होगी खरीदारी
भगवान कुबेर की इस तरह की प्रतिमा देश में गुजरात के बाद मंदसौर में है। यहां तीन फीट की प्रतिमा है। जिसे तंत्र व धन प्राप्ति के लिए माना जाता है। कुबेर के साथ धोलागिरी महादेव व गणेश की प्रतिमा भी विराजित है।
यहां गर्भगृह में जाने के लिए मात्र तीन फीट का दरवाजा है। भक्तों को बैठकर ही प्रवेश करना पड़ता है और वापस निकलते समय पीठ दिखाए बिना निकलना पड़ता है….।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.