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Gwalior News : ग्वालियर – मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शिक्षा विभाग का अनोखा कारनामा सामने आया है.. जहां शहर के बीचो-बीच स्थित जमुनादाई प्राइमरी स्कूल को ब्लाइंड टीचर के हवाले कर दिया है…
प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ टीचर अरविंद पाल आंखों से देख नहीं पाते हैं… एक छड़ी के सहारे बड़ी मुश्किल से स्कूल पहुंच पाते हैं.. स्कूल में मौजूद 45 बच्चों को मौखिक अध्ययन कराते हैं.. उनके संभालने की जिम्मेदारी ऐसे टीचर को दी गई है.. जो आंख से देखा नहीं सकते हैं..
2010 से यह मास्टर साहब इस स्कूल में पदस्थ हैं.. और तभी से बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं.. पहले स्कूल में दो टीचर और थे.. लेकिन उनको दूसरी जगह पदस्थ कर दिया है…
अब स्कूल में प्रधानाध्यापक बृजेश शर्मा और अरविंद पाल दो टीचर पदस्थ हैं.. बृजेश शर्मा पर स्पोर्ट टीचर है.. इसीलिए वह बच्चों को क्रिकेट खिलाने के लिए ज्यादातर स्कूल से बाहर रहते हैं…
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ऐसे में पूरे स्कूल की जिम्मेदारी एक ब्लाइंड टीचर के कंधों पर रहती है…. जो टीचर छड़ी के सहारे चल रहा हो वह 45 बच्चों की देखेरेख कैसे कर पाएगा.. यह एक बड़ा सवाल है.. लेकिन शिक्षा विभाग के जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं… जिससे बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है… हालांकि प्रभारी प्रधानाध्यापक बृजेश शर्मा का कहना है .. कि जिला शिक्षा अधिकारी पत्र के माध्यम से कई बार इस समस्या को लेकर अवगत कराया जा चुका है.. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है…Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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