
Waqf Amendment Bill: अमित शाह का वक्फ बोर्ड बिल पर बयान, कहा- वक्फ में कोई गैर-इस्लामिक सदस्य नहीं आएगा
नई दिल्ली: Waqf Amendment Bill: गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ बोर्ड बिल पर चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि वक्फ में किसी भी गैर-इस्लामिक सदस्य की कोई भूमिका नहीं होगी। उन्होंने कहा कि वक्फ में दान केवल वही किया जा सकता है जो हमारी अपनी संपत्ति हो, और हम सरकारी संपत्ति को दान नहीं कर सकते।
अमित शाह ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि उनके शासन में जो मिलीभगत चलती रही, वह जारी रहे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि चैरिटी कमिश्नर हिंदू या ईसाई होगा तो वह दूसरे धर्मों के ट्रस्ट कैसे संभालेगा, और इससे देश में बंटवारे का माहौल बनेगा।
Waqf Amendment Bill: शाह ने लोकसभा में कहा कि 1995 तक वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड अस्तित्व में नहीं था, और यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि यह कानून मुस्लिम धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करने के लिए लाया गया है। उन्होंने टीएमसी सांसद सौगत राय पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह बंगाल के मुसलमानों की चिंता कर रहे हैं, जबकि बिल का उद्देश्य किसी की धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं है।
गृह मंत्री ने वक्फ बिल पर आगे कहा कि कांग्रेस की वजह से इस बिल की जरूरत पड़ी, और अगर 2013 में इसे अतिवादी तरीके से संशोधित न किया जाता, तो आज इसे लाने की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने वक्फ दान को अपनी संपत्ति से होने वाली प्रक्रिया बताया और स्पष्ट किया कि किसी भी धर्म के व्यक्ति को धर्म परिवर्तन के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता। अमित शाह ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि केवल घोषणा करने से किसी की जमीन वक्फ नहीं हो जाएगी और संविधान के मुताबिक यह सरकार का अधिकार है कि वह इस प्रकार के निर्णय ले।
Waqf Amendment Bill: मुख्य बिंदु:
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वक्फ बोर्ड बिल पर अमित शाह का बयान
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वक्फ में गैर-इस्लामिक सदस्य का कोई स्थान नहीं
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चैरिटी कमिश्नर का चयन और धर्मनिरपेक्षता
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कांग्रेस पर हमला, वक्फ बिल की आवश्यकता
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वक्फ दान को अपनी संपत्ति से करने की बात
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