
चैत्र माह 2025: हिंदू नववर्ष की शुरुआत, जानिए इसका महत्व और विशेषताएं...
नई दिल्ली: हिंदू कैलेंडर में चैत्र माह का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इस बार चैत्र मास 15 मार्च से शुरू होकर 12 अप्रैल 2025 तक रहेगा। यह महीना भक्ति, संयम और सेहत के बदलावों से जुड़ा हुआ माना जाता है।
चैत्र माह का धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्माजी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि की रचना शुरू की थी। इसके अलावा, भगवान विष्णु ने अपने दशावतार में पहला अवतार मत्स्य अवतार इसी महीने में लिया था, जिसमें उन्होंने प्रलयकाल में मनु की नाव को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था।
चैत्र माह में क्या करें?
इस माह में सूर्य की उपासना करनी चाहिए, जिससे पद-प्रतिष्ठा और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
रोजाना पेड़-पौधों में पानी डालना और जरूरतमंदों को लाल फलों का दान करना शुभ माना जाता है।
भक्ति और संयम के इस महीने में संस्कारिक और सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए।
क्या नहीं करना चाहिए?
दूध का सेवन इस माह में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए इसकी जगह दही और मिश्री लेना चाहिए।
इस दौरान नमक का सेवन कम करना चाहिए, खासकर हाई बीपी के मरीजों को।
तली-भुनी चीजें खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह पेट संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
चैत्र मास न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वैज्ञानिक और स्वास्थ्य के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान खान-पान और जीवनशैली में संयम बरतने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि प्राप्त होती है।
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