
रोहिंग्या का रायपुर कनेक्शन : टिकरापारा में बेचते थे कबाड़, लगाया ऐसा जुगाड़ कि हिल गई पुलिस
रायपुर . रोहिंग्या का रायपुर कनेक्शन : छत्तीसगढ़ ATS ने मुंबई से 3 बांग्लादेशियों को अरेस्ट किया है …. ये भारत से इराक भागने की फिराक में थे …. पुलिस से हुई पूछताछ में इन्होने बताया कि ये पिछले 8 साल से रायपुर के टिकरापारा क्षेत्र में रह रहे थे …..
एशियन न्यूज की खबर के बाद से अचानक ये लोग पुलिस के रडार पर आ गए ……उसके बाद फिर अचानक इनके गायब होने से पुलिस को शक हुआ और वो इनकी तलाश में जुट गई ……
इनको तलाशने का जिम्मा छत्तीसगढ़ ATS को सौंपा गया ….. उसके बाद ATS की टीम ने इनको मुंबई से दबोचा ……..रायपुर में क्या करते थे ये बांग्लादेशी युवक ? कैसे हासिल किये अवैध दस्तावेज़ ? रायपुर में कहां पर था इनका ठिकाना ….
रोहिंग्या का रायपुर कनेक्शन : जानें पूरा मामला
छत्तीसगढ़ ATS ने मुंबई से तीन बांग्लादेशियों को अरेस्ट किया है …असल में हुआ ये कि पिछले 8 वर्षों से टिकरापारा क्षेत्र में कुछ संदिग्ध व्यक्ति निवास कर रहे थे, लेकिन वे अचानक गायब हो गए। इसके बाद मुंबई से छत्तीसगढ़ ATS ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया ….
जिनके नाम मोहम्मद इस्माइल, शेख अकबर और साजन है। ये तीनों सगे भाई बताये जा रहे हैं ….. उनके रायपुर में पिछले आठ वर्षों से रायपुर में रहने की जानकारी एटीएस तथा पुलिस टीम को मिली है…..
एटीएस ने तीनों को उनकी भाषा, रहन-सहन के आधार पर लंबे अरसे से निगरानी करने के बाद गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है …… एटीएस को जो जानकारी मिली है
उसके मुताबिक मोहम्मद इस्माइल, शेख अकबर तथा शेख साजन ने किसी शेख अली के माध्यम से रायपुर में अपना ठिकाना बनाया था। शेख अली कहां का रहने वाला है, पुलिस के साथ एटीएस इसके बारे में जानकारी जुटा रही है।
कोलकाता से नागपुर तक फैला जाल
एटीएस तथा पुलिस ने जिन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, उन लोगों ने पूछताछ में बताया है कि उनका कोलकाता के साथ नागपुर आना-जाना लगा रहता था …….. गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों के ज्यादातर रिश्तेदार नागपुर के साथ कोलकाता और मुर्शिदाबाद में रहते हैं।
पुलिस के मुताबिक इस्माइल तथा उसके भाई रायपुर में रहकर कबाड़ी का काम कर रहे थे। तीनों संतोषी नगर सहित शहर के अलग-अलग इलाकों में घूम-घूमकर कबाड़ की खरीदी-बिक्री का काम कर रहे थे।
तीनों भाई रायपुर में रहने के दौरान धरमपुरा के बाद मिश्रा बाड़ा में किराए पर मकान लेकर रह रहे थे। तीनों भाइयों के मोबाइल फोन जब्त कर पुलिस बांग्लादेशी नागरिकों की कॉल डिटेल खंगाल रही है।
फोरेंसिक लैब जाएगा मोबाईल फोन
ATS ने तीनों बांग्लादेशी नागरिकों के मोबाइल फोन जब्त कर टिकरापारा पुलिस के सुपुर्द कर दिया है….. पुलिस को आशंका है कि बांग्लादेशी नागरिकों ने मोबाइल से कई महत्वपूर्ण डेटा को डीलिट कर दिया है …… डीलिट डेटा को रीकवर करने पुलिस मोबाइल को फोरेंसिक जांच करने लैब भेजेगी…..
हम आपको बता दें कि गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों के पास बगदाद जाने का वीजा मिला है ….. पुलिस को जो जानकरी मिली है, उसके मुताबिक कई बांग्लादेशी नागरिक रायपुर से इराक, बगदाद वीजा लेकर पूर्व में जा चुके हैं ……
रायपुर से कितने बांग्लादेशी नागरिक इराक गए हैं, पुलिस के पास इस बात की कोई सटीक जानकारी फिलहाल नहीं है….. इस संबंध में गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ के बाद कुछ बता पाने की बात कह रहे हैं ….इस खबर को एशियन न्यूज ने काफी पहले रायपुर में रोहिग्या नामक कार्यक्रम के माध्यम से दिखाया था …..
कैसे रायपुर से जुड़े तार
रायपुर से ऐसे जुडे इनके तार अब जरा इसे भी समझाने का प्रयास करते हैं … असल में इन बांग्लादेशियों के दादा की देश विभाजन के पूर्व मुर्शिदाबाद में कृषि भूमि थी। विभाजन के बाद इस्माइल के दादा पश्चिमी पाकिस्तान यानि वर्त्तमान के बांग्लादेश चले गए…..
तब से उनकी चोरी छिपे भारत में आवाजाही हो रही है….. इस्माइल के पिता और उसके परिजन उनसे मिलने चोरी छिपे नागपुर आते थे …..
पुलिस के मुताबिक इस्माइल तथा उसके भाइयों ने रायपुर में अली नाम के किसी लड़के की मदद से रायपुर में सत्कार कंम्प्यूटर के संचालक मोहम्मद आरिफ के पास से फर्जी स्कूल सर्टिफिकेट बनवाए….
स्कूल सर्टिफिकेट बनवाने के बाद बांग्लादेशी नागरिकों ने आधार तथा वोटर आईडी कार्ड बनाने लगाए जाने वाले शिविर में पहुंचकर भारतीय नागरिकता के प्रमाण के लिए वोटर आईडी, आधार कार्ड बनवाए….
वोटर आईडी, आधार के माध्यम से तीनों ने पैन कार्ड बनवाए…
देश में यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू होने के बाद बांग्लादेशी नागरिकों को अपने पकड़े जाने का डर सताने लगा। इसके साथ ही आरोपियों को उनके बारे में पुलिस को भनक लगने की जानकारी मिल गई थी।
इसे देखते हुए तीनों ने सुरक्षित ठिकाने की तलाश में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया। पासपोर्ट बनने के बाद तीनों इराक के रास्ते बगदाद जाने का वीजा बनवाया। DIG लाल सिंह उमेद की मानें तो ये बांग्लादेश के निवासी हैं और जल्दी ही ये इराक जाने की फिराक में थे। फिलहाल पुलिस BNS की धाराओं और भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 12 E के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।
सवाल तो ये भी है –
प्रदेश की राजधानी में शासन -प्रशासन की नाक के नीचे अगर बांग्लादेशियों की इतनी तादाद है तो फिर राज्य के बाकी के जिलों में इनकी संख्या कितनी होगी …. कुछ भी कहा नहीं जा सकता है …… ?
इससे एक बात तो और साफ़ हो गई कि राजधानी में भी कुछ ऐसे जालसाज़ बैठे हैं जो पैसों की लालच में किसी के भी फ़र्ज़ी दस्तावेज़ तैयार कर देंगे …..? तो वहीँ कुछ मकान मालिक ऐसे ही संदिग्ध लोगों को अपने घरों में कमरे किराए पर दे दिया करते हैं ….. क्या ऐसे लोग देश में घुसपैठ को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं ? देखने वाली बात तो ये होगी कि सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ क्या एक्शन लेती है ?
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