रायपुर। सरकारी रेट से कटेगी टेंट : नगरीय निकाय चुनाव में बड़ी तादाद में लोग प्रचार में जुटे हैं . ऐसे में चुनावी खर्च की सीमा के साथ ही साथ राज्य निर्वाचन आयोग ने तमाम चीजों के रेट फिक्स कर दिए हैं .
अब इस सरकारी रेट से उम्मीदवारों को टेंट कटती दिखाई दे रही है . क्या है इलेक्शन कमीशन का रेट ? कैसे कटेगी उम्मीदवारों की जेब जानने के लिए जुड़े रहिए एशियन न्यूज भारत के साथ –
सरकारी रेट से कटेगी टेंट : जानिए आखिर कैसे
नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों ने अपना प्रचार तेज कर दिया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के चुनावी खर्चे का लिमिट तय किया है. यदि कोई प्रत्याशी लिमिट से ज्यादा खर्च करता है तो उन पर कार्रवाई हो सकती है.
चुनाव आयोग ने खान-पान के लिए भी रेट तय कर दिया है. इसे लेकर प्रत्याशी असमंजस में है और सोच-समझकर खर्च कर रहे. ज्यादातर प्रत्याशी सोशल मीडिया के माध्यम से चुनावी कैंपेन चला रहे.
चुनाव आयोग ने एक कप चाय के लिए 12 रुपए का रेट तय किया है, जबकि बाजार में अच्छी चाय की कीमत 10 रुपए तक है. वहीं बाजार में जो कॉफी 20 से 30 रुपए में मिलती है उसकी कीमत 15 रुपए तय की है. इसी तरह पोहे का रेट प्रति प्लेट 15 रुपए फिक्स किया है. प्रत्याशियों का कहना है चुनाव आयोग की रेट को लेकर असमंजस की स्थिति है.
सोशल मीडिया पर छाई चुनावी खुमारी
निर्वाचन आयोग के अनुसार, खाने के लिए जनरल थाली की कीमत 120 रुपए तय की गई है. स्पेशल थाली की कीमत 200 रुपए रेट तय किया है. केसर लस्सी प्रति गिलास 30 रुपए और शरबत प्रति गिलास 15 रुपए के हिसाब से प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा.
मार्केट रेट और चुनाव आयोग के रेट में अंतर है, जिस कारण से प्रत्याशी सोच-समझकर खर्च कर रहे हैं. इस बार के चुनावी में प्रत्याशी सोशल मीडिया को माध्यम बनाकर ज्यादा प्रचार कर रहे.
राज्य निर्वाचन आयोग ने तय की है ये खर्च सीमा
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने मेयर और अध्यक्षों की खर्च सीमा तय की है. 5 लाख या उससे अधिक आबादी वाले नगर निगमों में मेयर प्रत्याशी 25 लाख, 3-5 लाख की आबादी वाले नगर निगम में 20 लाख और 3 लाख से अधिक आबादी वाले निगम में 10 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे.
वहीं 50 लाख से अधिक आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 10 लाख रुपए और 50 हजार से कम आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 8 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे. इसके अलावा नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए खर्च
की सीमा 6 लाख रुपए है. पार्षदों की खर्च सीमा भी तय की गई है. ऐसे नगर पालिका निगम, जहां 3 लाख या उससे ज्यादा जनसंख्या है वहां पार्षद 8 लाख रुपए तक चुनावी खर्च कर सकेंगे.
निकाय में 11 तो पंचायत चुनाव के लिए 17, 20 व 23 को वोटिंग
बता दें कि छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की वोटिंग 11 फरवरी को होगी और परिणाम 15 फरवरी को घोषित होंगे. इस बार नगरीय निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से कराए जाएंगे. छत्तीसगढ़ के 10 प्रमुख नगर निगमों में चुनाव होंगे.
इनमें अंबिकापुर, कोरबा, चिरमिरी, जगदलपुर, दुर्ग, धमतरी, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़ और रायपुर नगर निगम शामिल हैं. इसके अलावा 49 नगर पालिकाओं और 114 नगर पंचायतों में भी चुनाव होंगे. वहीं पंचायत चुनाव तीन चरणों में होंगे
जिनकी तारीखें 17, 20 और 23 फरवरी हैं. इसके नतीजे 18, 21 और 24 फरवरी को घोषित किए जाएंगे. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रदेश में 433 जिला पंचायत सदस्य, 2,973 जनपद पंचायत सदस्य, 11,672 ग्राम पंचायत सरपंच और 1,60,180 ग्राम पंचायत पंच का चुनाव बैलट पेपर से होगा.
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