Ratha Saptami 2025 : रथ सप्तमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इसे सूर्य जयंती के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान सूर्यदेव का जन्म हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे, इसलिए इसे रथ सप्तमी के नाम से जाना जाता है। यह पर्व सूर्य के उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है, जब सूर्य मकर राशि से कर्क राशि की ओर गति करते हैं।
इस दिन भगवान सूर्य की आराधना करने से अच्छे स्वास्थ्य, संतान सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। रथ सप्तमी से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध कथा भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र सांब से जुड़ी है।
रथ सप्तमी की पौराणिक कथा
प्राचीन काल में भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र सांब अपने बल और सौंदर्य पर अत्यधिक गर्व करते थे। एक बार महर्षि दुर्वासा श्रीकृष्ण से भेंट करने आए। वह कई वर्षों की तपस्या के कारण अत्यंत दुर्बल हो गए थे। जब सांब ने उन्हें इस स्थिति में देखा, तो वह अहंकार में भरकर उनकी दुर्बलता पर हंस पड़े और उनका अपमान कर दिया।
महर्षि दुर्वासा को सांब का यह व्यवहार अत्यंत अस्वीकार्य लगा। क्रोधित होकर उन्होंने सांब को कुष्ठ रोग (कोढ़) होने का श्राप दे दिया। जब श्रीकृष्ण को इस घटना का पता चला, तो उन्होंने अपने पुत्र को इस श्राप से मुक्त होने के लिए भगवान सूर्यदेव की आराधना करने का सुझाव दिया।
सांब ने अपने पिता की आज्ञा का पालन किया और भगवान सूर्य की घोर तपस्या शुरू कर दी। उसने नित्य सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया और रथ सप्तमी व्रत रखा। उसकी अटूट श्रद्धा और भक्ति से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उसे कुष्ठ रोग से मुक्ति प्रदान की। इसके बाद सांब पुनः अपने स्वस्थ और तेजस्वी स्वरूप में आ गए।
Ratha Saptami 2025
रथ सप्तमी व्रत का महत्व
इस कथा के आधार पर माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु इस दिन भगवान सूर्य की विधिपूर्वक आराधना करते हैं, उन्हें आरोग्य, संतान सुख और धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
रथ सप्तमी पर करने योग्य विशेष उपाय
- सूर्यदेव को जल अर्पित करें और “ॐ घृणिः सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।
- सूर्य मंदिर में जाकर पूजा करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- इस दिन गुड़, गेहूं, तांबे और लाल चंदन का दान करने से विशेष लाभ मिलता है।
- कुष्ठ रोग और अन्य बीमारियों से मुक्ति के लिए रथ सप्तमी व्रत करें।
- सुबह सूर्योदय के समय स्नान कर सूर्य उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
रथ सप्तमी का पर्व सूर्यदेव की कृपा प्राप्ति का उत्तम अवसर है। इस दिन व्रत और कथा का श्रवण करने से सभी प्रकार के कष्ट समाप्त होते हैं और जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
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