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Birthday Special : रमेश देव, भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक प्रतिष्ठित अभिनेता, जिन्होंने अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी, का योगदान न केवल हिंदी बल्कि मराठी सिनेमा में भी अत्यधिक था। आज हम उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनकी जीवन और फिल्मी करियर से जुड़ी कुछ खास बातें।
रमेश देव का फिल्मी सफर शुरू होने के पीछे एक दिलचस्प और अनोखा किस्सा छिपा हुआ है। एक बार, रमेश देव अपने बड़े भाई के साथ एक घोड़े की रेस देखने गए थे। इस दौरान उनकी मुलाकात हुई प्रसिद्ध मराठी निर्देशक राजा परांजपे से।
उस दिन की रेस में रमेश ने राजा की मदद की और रेस में 21 हजार रुपये जीते। राजा परांजपे को लगा कि रमेश उनके लिए लकी हैं, और इसलिए उन्होंने उन्हें एक फिल्म का ऑफर दे डाला।
यह ऑफर रमेश देव के फिल्मी करियर का पहला कदम साबित हुआ। उन्होंने इस अवसर का फायदा उठाया और अपने अभिनय करियर की शुरुआत की, जिसने उन्हें मराठी सिनेमा में एक अलग पहचान दिलाई।
रमेश देव का हिंदी सिनेमा की ओर रुख करने का भी एक दिलचस्प कारण था। एक बार जब वह चायवाले से बात कर रहे थे, तो उसने उन्हें हिंदी सिनेमा में काम करने का सुझाव दिया।
इस सुझाव ने रमेश देव के मन में हिंदी फिल्मों के बारे में सोचने की प्रेरणा दी, और बाद में उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी अपने कदम जमाए।
रमेश देव ने अपनी कला के दम पर दोनों भाषाओं में दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। उनका अभिनय, चाहे वह मराठी फिल्मों में हो या हिंदी फिल्मों में, हमेशा सराहा गया और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
रमेश देव ने अपने करियर में कई मराठी और हिंदी फिल्मों में अभिनय किया। उनकी फिल्मों की सूची में “अग्निपथ,” “कुली,” “कर्मा,” “सत्यम शिवम सुंदरम,” और “आंधी” जैसी चर्चित फिल्में शामिल हैं। उन्होंने मराठी सिनेमा में भी कई शानदार फिल्मों में काम किया, और वहां भी उनकी एक अलग पहचान बनी।
रमेश देव का फिल्मी करियर सिर्फ उनकी मेहनत और अभिनय की वजह से नहीं, बल्कि उनकी किस्मत और कुछ दिलचस्प मुलाकातों की वजह से भी संवर गया। घोड़े की रेस से लेकर चायवाले की बात तक, उनका जीवन हमेशा एक प्रेरणा देने वाली कहानी रहा है। उनके योगदान को हिंदी और मराठी सिनेमा में हमेशा याद किया जाएगा।
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