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शनिवार का दिन Shaniwar ke Upay : शनि देव को समर्पित होता है। शास्त्रों में शनि देव को न्याय और कर्मफल का देवता कहा गया है। शनि देव का आशीर्वाद पाने और साढ़ेसाती व ढैय्या के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए शनिवार को विशेष उपाय करने की परंपरा है।
यदि आप कर्ज, नौकरी, स्वास्थ्य, या आर्थिक समस्याओं से परेशान हैं, तो ये उपाय आपकी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। साथ ही, यह जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने में भी सहायक होते हैं। आइए जानते हैं शनिवार के 7 प्रभावी उपाय:
शनिवार के दिन काले तिल, काले कपड़े और सरसों का तेल दान करना बहुत शुभ माना गया है। इसे शनि देव को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय माना जाता है। आप सरसों का तेल किसी लोहे के पात्र में भरकर गरीब या ज़रूरतमंद को दान कर सकते हैं।
शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन प्रातः स्नान कर पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और सात बार उसकी परिक्रमा करें। इस उपाय से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और साढ़ेसाती व ढैय्या के प्रभाव कम होते हैं।
शनिवार को शनि देव के मंदिर में जाकर सरसों का तेल चढ़ाना और उनकी मूर्ति के सामने दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। यह शनि देव के अशुभ प्रभाव को शांत करता है और आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
शनिवार के दिन जरूरतमंदों को भोजन कराना, वस्त्र दान करना, और उनकी सहायता करना शनि देव को प्रसन्न करता है। ऐसा करने से शनि देव का आशीर्वाद मिलता है और जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं।
शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि दोष शांत होता है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें और उन्हें सिंदूर व चमेली का तेल अर्पित करें। यह उपाय आपकी बाधाओं को दूर करने और शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने में सहायक है।
शनिवार के दिन काले जूते, काले कपड़े, काले तिल, या लोहे से बनी चीजों का दान करना शुभ माना गया है। यह उपाय साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव को कम करने के साथ-साथ शनि देव को प्रसन्न करता है।
शनिवार के दिन शनि मंत्र का जाप करना बहुत फलदायक होता है। आप “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इसके अलावा, शनि बीज मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का जाप भी शनि देव की कृपा प्राप्त करने में सहायक है।
शनिवार के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है, ताकि शनि देव रुष्ट न हों:
शनिवार को उपरोक्त उपाय करने से न केवल शनि देव प्रसन्न होते हैं, बल्कि जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का भी वास होता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभावों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को कर्मफल के अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।
आप भी इन उपायों को अपनाकर अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं और शनि देव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
जय शनिदेव!
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