कवर्धा। सुरक्षा बलों के एनकाउंटर से सहमें नक्सली : सुरक्षा बल के सूरमाओं ने मुठभेड़ में इतने नक्सलियों को धुना की अब उनमें जवानों का खौफ दिखाई देने लगा है। तभी तो बड़े -बड़े ईनामी नक्सली अब सरेंडर करने लगे हैं। सरकार का ये सरेंडर के डर वाला समीकरण देख कर अच्छे -अच्छे हैरान हैं। इसका दूसरा सबसे बड़ा कारण है छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति। इसी से प्रभावित होकर नक्सल दंपत्ति ने आत्मसमर्पण किया। दंपत्ति पर दस लाख का ईनाम था। दोनों ही नक्सली कुख्यात नक्सल कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती के रहने वाले हैं। ये दोनों कवर्धा में गतिविधियों के विस्तार में लगे हुए थे।
सुरक्षा बलों के एनकाउंटर से सहमें नक्सली : सरेंडर्ड दम्पति की जानें
असल में आत्मसमर्पित नक्सली रमेश उर्फ मेस्सा बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 के डिप्टी कमांडर के पद पर था। उसकी पत्नी रोशनी उर्फ हिड़में बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 की सदस्य के रूप में कार्यरत थी। बताया जा रहा है कि, ये नक्सलियों ने सरकार की पुनर्निवास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है।
कुछ दिन पहले इन्होंने किया था सरेंडर
हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र राज्य के नक्सली पैठ वाले गढ़चिरौली जिले में सुरक्षा बलों के एनकाउंटर से माओवादी बेहद ख़ौफ़ज़दा हैं । इसी कड़ी में बुधवार, 8 जनवरी 2025 को दो हार्डकोर महिला नक्सलियों ने लाल आतंक का साथ छोड़कर आत्मसमर्पण किया था । इनमें कंपनी कमांडर शामला पुडो पर महाराष्ट्र शासन ने 8 लाख और सदस्य काजल मंगरु के ऊपर 2 लाख का इनाम घोषित किया था। महाराष्ट्र नक्सल सेल के अनुसार, दोनों महिला नक्सली विगत कई वर्षों से नक्सली संगठन में काम करते हुए कई घातक वारदातों को अंजाम दिया था।
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