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Health Care : घमरा, जिसे पत्थर फोड़, सदाहरी और संजीवनी जैसे नामों से जाना जाता है, एक बहुपयोगी औषधीय पौधा है। यह न केवल पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है, बल्कि इसे कई स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए एक प्राकृतिक खजाना माना जाता है। इसके औषधीय गुण घाव भरने, रक्तस्राव रोकने, अर्थराइटिस के दर्द को कम करने और पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करते हैं।
यदि चोट लगने से खून बह रहा हो, तो घमरा के पत्तों का रस रक्तस्राव रोकने में मदद करता है।
उपयोग का तरीका:
पत्तों को धोकर पीस लें और रस निकालकर प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे न केवल खून बहना बंद होगा, बल्कि आराम भी मिलेगा।
घमरा के पत्तों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण घाव, फोड़े-फुंसी और संक्रमण को तेजी से ठीक करने में मदद करते हैं।
उपयोग का तरीका:
पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाएं और सीधे घाव पर लगाएं। यह घाव को जल्दी भरने में सहायता करता है।
अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द में घमरा का उपयोग प्रभावी होता है। इसके पत्तों का रस दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।
उपयोग का तरीका:
पत्तों का रस निकालकर प्रभावित क्षेत्र पर मालिश करें।
घमरा का सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह एसिडिटी, अपच और पेट की अन्य समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
उपयोग का तरीका:
डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसका काढ़ा बनाकर सेवन करें।
घमरा का उपयोग एनीमिया और बवासीर जैसी समस्याओं के उपचार में भी किया जाता है।
बोकारो के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. राजेश पाठक के अनुसार, घमरा एक प्राकृतिक औषधि है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान प्रदान करती है। हालांकि, इसे उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।
घमरा एक औषधीय पौधा है, जो प्रकृति का उपहार है। इसके गुण न केवल स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और रोगमुक्त जीवन जीने में मदद करते हैं। आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में इसकी उपयोगिता इसे अनमोल बनाती है।
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