
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आपातकालीन स्थितियों में पुलिस की तत्परता परखने के लिए पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला के निर्देश पर जीपीएम पुलिस ने आरपीएफ और जीआरपी के समन्वय से एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया।
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के मार्गदर्शन में आयोजित इस मॉक ड्रिल में पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी और स्वास्थ्य विभाग की आपातकालीन स्थितियों में तैयारियों को परखा गया।
मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि भगत की कोठी एक्सप्रेस में एक यात्री जहरखुरानी का शिकार हो गया है और उसे तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल को निर्देशित किया कि पीड़ित को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने थाना गौरेला, आरपीएफ, जीआरपी और जिला अस्पताल के बीच समन्वय स्थापित किया। भगत की कोठी एक्सप्रेस के पेंड्रारोड स्टेशन (प्लेटफार्म-03) पर पहुंचने पर पीड़ित यात्री को एम्बुलेंस के माध्यम से जिला चिकित्सालय गौरेला ले जाया गया। जिला चिकित्सालय के डॉक्टर विपिन भारद्वाज और उनकी टीम ने तुरंत उपचार शुरू किया, और यात्री की स्थिति स्थिर और ठीक बताई गई।
मॉक ड्रिल के दौरान स्टेशन पर मौजूद यात्रियों और स्थानीय लोगों में कौतूहल का माहौल बना, लेकिन पुलिस ने मॉक ड्रिल होने की जानकारी देकर स्थिति को स्पष्ट किया।
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने बताया, “यह मॉक ड्रिल रेलवे और पुलिस विभाग की आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित की गई थी। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आकस्मिक स्थिति में पुलिस और अन्य संबंधित विभाग तत्काल प्रभाव से कार्य करने के लिए सक्षम हैं।”
मॉक ड्रिल ने यह साबित किया कि जीपीएम पुलिस, आरपीएफ और जीआरपी आकस्मिक परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
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